PANKHURI

PANKHURI
कुछ आखर-कुछ पन्ने

Wednesday, November 14, 2012

सुप्रभात...!!




र्फ़-ब-हर्फ़..., 
आवाज़-दर-आवाज़...,

ख़याल-दर-ख़याल...,
ख़्वाब-दर-ख़्वाब...,

है एक नाम,

जो घुला जाता है मिसरी की डली सा,
मेरे जीवन की फीकी चाय में....
और
बढ़ती जाती है लज़्ज़त,
मेरी हर सुबह की....!!!

No comments:

Post a Comment