PANKHURI

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कुछ आखर-कुछ पन्ने

Wednesday, December 5, 2012

आओ....कुछ देर को....!!

आओ कुछ देर के लिए अपनी तकदीरें बदल लें.

कुछ देर तुम जीकर देखो मेरी ज़मीन पर
और कुछ देर
मैं तुम्हारे आसमान पर उड़ लूँ
आज़ाद...बिल्कुल तुम्हारी तरह.

कुछ देर तुम मेरी अधूरी पड़ी कहानियाँ पूरी करो
और तब तक कुछ देर को
मैं तुम्हारी कुछ मुकम्मल कवितायेँ गुनगुना लूँ.

कुछ देर तुम मेरी तल्ख़ हकीकतों से उलझ कर देखो
तब तक कुछ देर
मैं तुम्हारे नर्म सतरंगी सपनों
से जी बहला लूँ.

आओ कुछ देर के लिए ही सही
हम अपनी तकदीरें बदल लें...
फिर इसके बाद आसान होगा ये तय करना
कि हम दोनों में कौन ज़्यादा किस्मत वाला है !!

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